सूचना का अधिकार अधिनियम 2005
मैनुअल क्रम संख्या 1
राजकीय पालीटेक्निक लोहाघाट, उत्तराखण्ड
प्राविधिक शिक्षा के अन्तर्गत संगठन की विशिष्टियां, कृत्य व कर्तव्य
प्राविधिक शिक्षा का उद्देश्य देश में एक तकनीकी कुशल वर्ग तैयार करना
रहा है । यह एक सामान्य परम्परागत शिक्षा से हट कर विशिष्ट शैली की शिक्षा पद्धति है
। इस क्रम में उच्चतर स्तर पर इंजीनियरिंग कॉलेज व माध्यम स्तर पर पॉलीटेक्निक
संस्थाएं आती हैं । परम्परागत शिक्षा जहाँ आज के तकनीकी युग में युवाओं को रोजगार
उपलब्ध कराने में कुछ हद तक ही कामयाब रही है वहीं तकनीकी शिक्षा प्राप्त युवा किसी
नौकरी का मोहताज नहीं होता है और अपना रोजगार प्रारम्भ कर स्वावलम्बन का एक
आधार तैयार कर सकता है ।
इसी उद्देश्य के दृष्टिगत भारत सरकार व तदनुसार राज्य सरकारों ने
तकनीकी संस्थाओं का संगठन तैयार किया है और इसी परिपेक्ष्य में उत्तराखण्इ सरकार के
अन्तर्गत प्राविधिक शिक्षा का एक प्रमुख संस्था राजकीय पालीटेक्निक लोहाघाट है । इस
संस्था का शुभारम्भ 1975 अक्टूबर माह में सीमान्त जनपद पिथौरागढ़ के फर्नहिल नाम के
स्थित किराये के भवनों में हुआ। आरम्भ में इस संस्था में त्रिवर्षीय डिप्लोमा सिविल
अभियन्त्रण तथा द्विवर्षीय स्टैनोग्राफी एण्ड सेकेट्रियल प्रेक्टिस डिप्लोमा पाट्यक्रम 30-30
प्रवेश क्षमता के साथ प्रारम्भ किये गये। सत्र 1984-85 से संस्था में त्रिवर्षीय विद्युत
अभियंत्रण डिप्लोमा पाठ्यक्रम 30 प्रवेश क्षमता के साथ प्रारम्भ हुआ। जिसको वर्ष 1986-87
से इलैक्ट्रोनिक्स इंजीनियरिंग डिप्लोमा पाठ्यक्रम 30 में समावेशित कर दिया गया। सत्र
1985-86 से संस्था में द्विवर्षीय डिप्लोमा फार्मेसी पाठ्यक्रम 30 प्रवेश क्षमता के साथ प्रारम्भ
किया गया। तथा वर्ष 2002-03 से त्रिवर्षीय सूचना प्रोद्योगिक डिप्लोमा पाठ्यक्रम प्रारम्भ
हुआ।
राजकीय पालीटेक्निक लोहाघाट के नाम छमनियां नामक स्थान पर 400 नाली
(20 एकड़) भूमि स्वीकृत है जिसका क्षेत्रफल लगभग 8 हेक्टयर है। वर्ष 1990 से संस्था
अपने निजि भवनों में स्थानान्तरित हुई। यह संस्था टनकपुर रेलवे स्टेशन से टनकपुर
पिथौरागढ़ मोटर मार्ग टनकपुर से 89 किलोमीटर दूरी पर लोहाघाट बाराकोट रोड पर
लोहाघाट से 04 किलोमीटर की दूरी पर छमनियां नामक स्थान पर स्थित है जिस पर
संस्था के आवासीय एवं अनावासीय आवश्यक भवन निर्मित है।
संस्था में तकनीकी शिक्षा के अन्तर्गत अभियान्त्रिकी जैसे- सिविल, इलैक्ट्रोनिक्स,
सूचना प्रौद्योगिकी जैसे अभियन्त्रण शाखाएं व फार्मेसी की अभियन्त्रण उत्तर शाखा एवं
एम. ओ. एम. एण्ड सैकेट्रियल प्रैक्टिस शाखाओं में क्रमशः त्रिवर्षीय व द्विवर्षीय डिप्लोमा
प्रदान करने की शिक्षा प्रदान की जाती है। अभियन्त्रण पाठ्यक्रमों का संचालन भारतीय
तकनिकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) तथा फार्मेसी पाठ्यक्रम का संचालन भारतीय भेषज
परिषद (पीसीआई) द्वारा निर्धारित मानकों के आधार पर किया जाता है। वार्षिक परीक्षाओं
तथा प्रवेश परीक्षा का संचालन तथा अघ्ययनोपरान्त पत्रापादिउपधि (डिप्लोमा) प्रदान करने
का कार्य उत्तराखण्ड शासन द्वारा गठित उत्तराखण्ड प्राविधिक शिक्षा परिषद, रुड़की द्वारा
किया जाता है। इस परिषद का एक और मुख्य कार्य संस्थाओं में विभिन्न अभियन्त्रण
शाखाओं के लिए पाठ्यचर्या का निर्धारण व संसोधन भी है जबकि फार्मेसी से सम्बन्धित
पाठ्यचर्या का कार्य भारतीय भेषज परिषद (पीसीआई) करती है।
संस्था का शैक्षणिक सत्र माह जुलाई में प्रारम्भ होता है और इसके लिये प्रथम वर्ष में प्रवेश हेतु माह मई में उत्तरांचल प्राविधिक शिक्षा परिषद, रूड़की द्वारा राज्य के विभिन्न केन्द्रो पर प्रेवश परीक्षा आयोजित की जाती है । अभियन्त्रण शाखाओं के लिये प्रवेश अर्हता विज्ञान विषयों विशेषतः गणित के साथ हाईस्कूल परीक्षा उत्तीर्ण तथा फार्मेसी के विज्ञान में इण्टरमीडिएट उत्तीर्ण है । तथा एम. ओ. एम. एण्ड एस. पी. के लिए इण्टरमीडिएट परीक्षा अंग्रेजी अथवा हिन्दी विषय के साथ उत्तीर्ण है। प्रवेश परीक्षा के परिणाम के आधार पर राज्य स्तरीय केन्द्रित काउन्सिलिंग के द्वारा विभिन्न संस्थाओं को छात्र आबंटित किये जाते हैं तथा इनको संस्था स्तर पर जाँचोपरात ही प्रवेश दिया जाता है । उत्तराखण्ड राज्य बनने से पूर्व इस संस्था में परीक्षाएं वार्षिक आधार पर ही उ0प्र0 प्राविधिक शिक्षा परिषद, लखनऊ द्वारा आयोजित किये जाने का प्राविधान था, परन्तु राज्य बनने के पश्चात भी उत्तराखण्ड प्राविधिक शिक्षा परिषद के अस्तित्व में आने पर भी संक्रमण काल में ये परीक्षाएं वार्षिक आधार पर ही होती रही हैं वर्ष 2004-05 से छात्रों के व्यापक हित व उनके सम्यक ज्ञानवर्धन हेतु यह व्यवस्था सेमेस्टर प्रणाली पर आयोजित किये जाने का प्राविधान है । यह प्रणाली देश के उच्चतर तकनीकी संस्थाओं में सफलतापूर्वक चलाई जाती रही है और इससे छात्रों को अध्यावधिक विषय वस्तु का ज्ञान होता रहता है। वर्तमान सत्र में केवल फार्मेसी पाठ्यक्रम के लिए वार्षिक परीक्षा प्रणाली का प्राविधान है। संस्था में अभियन्त्रण व अभियन्त्रणेत्तर शाखाओं के निम्नांकित पाठ्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। जिनका पूर्ण विवरण निम्नवत है- वर्ष 2013-14
क्र0सं0 |
पाठ्यक्रम |
प्रवेश क्षमता |
वास्तविक प्रवेश |
अवधि |
II Sem ISTYear |
IV sem |
VI Sem Final Yr. |
1 |
सिविल अभि0 |
40 |
41 |
50 |
37 |
त्रिवर्षीय |
2 |
इलैक्ट्रॉनिक्स अभि0 |
40 |
35 |
37 |
32 |
त्रिवर्षीय |
3 |
सूचना प्रौद्योगिकी |
40 |
31 |
29 |
34 |
त्रिवर्षीय |
4 |
फार्मेसी |
40 |
39 |
38 |
- |
द्विवर्षीय |
5 |
एम. ओ. एम. एण्ड एस. पी. |
40 |
30 |
27 |
- |
द्विवर्षीय |
ई-लर्निग -संस्था में आधुनिकीकरण के अन्तर्गत सभी पाठ्यक्रमों के छात्र/छात्राओं के प्रशिक्षण हेतु आन लाईन कक्षायें के सफल संचालन हेतु ई-लर्निग की स्थापना की गयी है।
भूमि- भवन- संस्था के पास वर्तमान समय में 400 नाली भूमि है जिसमें संस्था के मुख्य प्रसासनिक भवन (जिसमें प्रधानाचार्य कक्ष, कार्यालय सहित व्याख्यान कक्ष हैं), एक प्रसासनिक विस्तार भवन कर्मशाला, प्रयोगषाला भवन इलैक्ट्रानिक एवं फार्मेसी ब्लाक, आई0टी0 भवन, 60 छात्रों के लिये छात्रावास, 30 छात्राओं के लिए महिला छात्रावास भवन कैंटीन, टकशाप एवं एन. सी. सी. ब्लाक डिस्पेन्सरी एवं गैस्ट रुम स्थित है। आवासीय भवनों में संस्था के पास टाइप-4 के 08 ,टाइप-3 के 08 टाइप-2 के 04 तथा टाइप-1 के 16 आवास एक आई0 भवन एवं एक बाइज छात्रावास अधीक्षक आवास उपलब्ध हैंे । राज्य सेक्टर योजनान्तर्गत वर्ष 2007-08 में 120 क्षमता का बाइज छात्रावास, 60 क्षमता का महिला छात्रावास, प्रधानाचार्य आवास एवं 500 छात्र क्षमता का बहुउद्देशीय भवन राज्य सेक्टर के अन्तर्गत स्वीकृत हैं जिनमें से 60 क्षमता का महिला छात्रावास निमार्णाधीन है। केन्द्रीय योजनान्तर्गत 50 क्षमता का एक महिला छात्रावास भी निमार्णाधीन है । जिला योजना 2012-13 के अन्तर्गत महिला छात्रावास अधीक्षक आवास निमार्ण के साथ 250 मीटर आन्तरिक एप्रोज रोड निमार्ण, एवं वीडियो कान्फ्रेंसिंग लैव/मीटिंग हाल के अपूर्ण कार्यो को पूर्ण कराने हेतु रु0 14.80 लाख की धनराशि स्वीकृत हुई जिसका निमार्ण कार्यदायी संस्था उ0 पेयजल सं0 वि0एवं निमार्ण निगम चम्पावत द्वारा किया गया हैं । वर्ष 2013-14 में महिला छात्रावास की बाउण्ड्री वाल एवं संस्था परिसर की अवशेष बाउण्ड्री वाल निर्माण हेतु रु0 09.81 लाख की स्वीकृत धनराशि से निमार्णाधीन कार्यो को पूर्ण कराया जा रहा है ।
वर्ष 2013-14 में विशेष सहायतित योजनान्तर्गत संस्था में 30 छात्रों की कंप्यूटर लैव भवन तथा संस्था के आवासीय एवं अनावासीय भवनों के अनुरक्षण का कार्य भी गतिमान है ।
राष्ट्रीय सेवा योजना -
राष्ट्रीय सेवायोजना संस्था में सन् 2004 से प्रारम्भ की गई । पूर्व में इसको 50 स्वयंसेवियों का आबंटन हुआ किन्तु अब यहाँ 100 स्वयंसेवी पंजीकृत हैं । यह योजना देश के युवाओं में समाज में उनकी रचनात्मक भूमिका के निर्वहन के लिये गाँधी शताब्दि वर्ष 1969 में आरम्भ की गई थी और आज यह विश्व का सबसे बड़ा युवा संगठन है । इसमें स्वयंसेवियों को विभिन्न प्रकार के सामाजिक कार्यों के प्रति जागरूक रहने का प्रशिक्षण दिया जाता है । यह सभी कार्यक्रम राष्ट्रीय विकास के कार्यक्रम होते हैं जैसे साक्षरता अभियान, एड्स जागरूकता अभियान, पल्स पोलियो, मानव अधिकार, पर्यावरण सम्बन्धी तथा आर्थिक व सामाजिक सर्वेक्षण अभियान आदि । संस्था में इस योजना के प्रारम्भिक सुचारु संचालन में तत्कालीन कार्यक्रम अधिकारी श्री एस. एस. महरा (सेवानिवृत) एवं सहायक श्री टी. सी. चौबे का महत्वपूर्ण योगदान रहा है । प्रारम्भ से वर्तमान तक कार्यरत एन0एस0एस0 कार्यक्रम अधिकारियों का विवरण निम्नवत है ।
क्रमांक |
कार्यक्रम अधिकारी का नाम पद नाम |
कार्यरत अवधि |
1 |
श्री शोबन सिंह महरा अनुदेशक स्टेनोग्राफी |
वर्ष 2004 से 2006 तक |
2 |
श्री अनिल कुमार यादव, व्याख्याता यॉत्रिकी |
वर्ष 2007 से 2008 तक |
3 |
श्री कैलाश कुमार आर्य व्याख्याता इलैक्ट्रा0 |
07-2008 से 08/2009 तक |
4 |
श्री आर0 के0 नरियाल, व्याख्याता रसायन |
9/2009 से 8/2010 तक |
5 |
श्री पी0 सी0 पाण्डेय व्याख्याता सिविल |
8/2010 से 14-1-2011 तक |
6 |
श्री कमलेश कुमार व्याख्याता फार्मेसी |
15-1-2011 से 01-06-2013 तक |
7 |
श्री त्रिभुवन चन्द्र चौबे, वैयक्तिक अधिकारी |
01-6-2013 से वर्तमान तक । |
वर्तमान में श्री त्रिभुवन चन्द्र चौबे, कार्यक्रम अधिकारी का दायित्व निर्वहन पूर्ण दक्षता के साथ कर रहे हैं तथा सहायक के रुप में श्री यू0 सी0 उप्रेती टाइपराइट मैके0 योजना के सहायक के रुप में सहयोग प्रदान कर रहे हैं । श्री दीपक चन्द्र भट्ट एवं श्री कैलाश सिंह कर्मशाला अनुचर योजना इकाई में यथासमय सहयोग प्रदान करते हैं । उत्तराखण्ड सरकार ने अब रा0से0यो0 से प्रशिक्षण प्राप्त स्वयंसेवियों को सरकारी नौकरी में आरक्षण देने का निर्णय लिया है । संस्था की रा. से. यो. योजनान्तर्गत नियमित एवं विषेष शिविर आयोजित करा कर निर्धारित कार्यक्रम आयोजित कराये जाते हैं।
एन0 सी0 सी0 -
संस्था में सत्र 2011-12 से राष्ट्रीय कैडेट कोर (एन. सी. सी.) की एक यूनिट का संचालन किया जा रहा है, इसमें 55 कैडेटों का पंजीकरण किया गया है । केप्टेन / श्री सुनील कुमार व्याख्याता फार्मेसी, इस यूनिट के प्रशिक्षित प्रभारी अधिकारी/केयर टेकर हैं जो कि पूर्ण निष्ठा,लगन व समर्पण के साथ एनसीसी अधिकारी के कार्यो का निर्वहन कर रहे हैं।
पुस्तकालय-
किसी संस्था के शैक्षिक वातावरण का परिचायक वहाँ का पुस्तकालय होता है । इस परिपेक्ष्य में संस्था का पुस्तकालय सम्पन्न है । यहाँ सभी शाखाओं व विषयों के कुल पुस्तकों की संख्या 9560 हैं जिसमें समाज के कमजोर वर्गों के लिये बुक बैंक में 1822 पुस्तकें उपलब्ध हैं । साथ ही ए0आई0सी0टी0ई0 तथा फार्मेसी के जर्नल भी आते हैं । पुस्तकालय में दो प्रकार की सेवायें प्रयोग की जाती हैं, लैण्डिग तथा वाचनालय ।
उपरोक्त के साथ ही वर्ष 2011-12 से नव संचालित राजकीय पालीटेकनिक मूनाकोट (पिथौरागढ) के सिविल अभियंत्रण पाठ्यक्रम की सभी कक्षायें इसी संस्था में संचालित करायी जा रही हैं ।
संस्था में पदों का वर्गीकरण निम्नवत् है:- 31-3-2013 को
क्र0सं0 | पदों का वर्गीकरण | स्वीकृत पद | कार्यरत कर्मचारी | रिक्त पद | अनु0 जाति | अनु0ज0 जाति | पिछडी जाति | सामान्य |
1 | प्रधानाचार्य | 01 | - | 01 | - | - | - | - |
2 | विभागाध्यक्ष | 04 | 02 | 02 | - | - | 01 | 01 |
3 | व्याख्याता | 15 | 05 | 10 | 03 | - | - | 02 |
5 | कर्मशाला अधीक्षक | 01 | - | 01 | - | - | - | - |
6 | सहायक प्रवक्ता | 07 | - | 07 | - | - | - | - |
7 | कला अनुदेशक | 02 | 01 | 01 | - | - | 01 | - |
8 | कर्मशाला अनुदेशक | 06 | 01 | 05 | - | - | - | 01 |
9 | कनि0 व्याख्याता फार्मेसी | 01 | - | 01 | - | - | - | - |
10 | अनुदेशक स्टेनोग्राफी | 02 | - | 02 | - | - | - | - |
11 | कम्प्यूटर प्रोग्रामर/आपरेटर | 01 | - | 01 | - | - | - | - |
12 | पुस्तकालयाध्यक्ष | 01 | 01 | - | - | - | 01 | - |
13 | प्रयोगशाला सहायक फार्मेसी | 02 | 02 | - | - | - | - | 02 |
14 | वैयक्तिकअधिकारी/वैय0सहा0 | 01 | 01 | - | - | - | - | 01 |
15 | मुख्य सहायक | 01 | 01 | . | - | - | - | 01 |
16 | सहायक लेखाकार /कैशियर | 01 | 01 | . | - | - | - | 01 |
17 | कनिष्ट सहायक /स्टोर कीपर | 01 | - | 01 | - | - | - | - |
18 | कनिष्ट सहायक/छात्र लिपिक | 01 | 01 | - | - | - | - | 01 |
19 | कनिष्ठ सहा0/पुस्तकालय/ टंकण | 03 | 01 | 02 | - | - | - | 01 |
20 | टाइप राइटर मैकेनिक | 01 | 01 | - | - | - | - | 01 |
21 | चतुर्थ श्रेणी | 14 | 05 | 09 | 01 | 01 | - | 03 |
नोट- आई0 टी0 पाठ्यक्रम हेतु अभी तक कोई भी पद सृजित नहीं हैं । आवश्यक पदों का सृजन छात्रहित में होना नितान्त आवश्यक है ।
मैनुअल क्रम संख्या 2
अधिकारियों एवं कर्मचारियों की शक्तियां एवं कर्तव्य
शाब्दिक अर्थानुसार वैसे तो अधिकारियों एवं कर्मचारियों में अपने पद के अनुरूप उनकी शक्तियों एवं कर्तव्यों का समावेश निहित होता है, फिर भी शासकीय कार्यों को सम्पादित करने में पदेन मर्यादा एवं गरिमा का पालन किया जाता है । हाइरार्की (सोपान) के नियम के तहत प्रजातांत्रिक व्यवस्था में शक्तियों एवं कर्तव्यों का बोध निहित होता है । कहीं पर लिखित रूप में दायित्यों का बोध कराया जाता है तो कहीं पर अधिकारी अपने संज्ञान के अनुसार अपने अधीनस्थ अधिकारियों/कर्मचारियों को उनकी शक्तियों एवं कर्तव्यों का वितरण एवं बोध कराता है ।
विशेष रूप पर संस्था स्तर पर तैनात अधिकारियों एवं कर्मचरियों के सम्बन्ध में अवगत कराना चाहेंगे । राजकीय बहुधन्धी संस्थाओं में सर्वोच्च पद पर एक शैक्षिक अधिकारी/प्रधानाचार्य होता है । उसकी नियुक्ति उपलब्ध पदों के 75 प्रतिशत पद वरिष्ठता के आधार पर विभागीय चयन समिति (डी0पी0सी0) द्वारा एवं 25 प्रतिशत पद सीधी भर्ती द्वारा आयोग के माध्यम से भरे जाते हैं । उ0प्र0 राजपत्रित सेवा नियमावली 1990 उप नियम.8 के अनुसार एक संयुक्त सूची बनाकर, शासन विभिन्न बहुधन्धी संस्थाओं में प्रधानाचार्य की नियुक्ति श्रीमान निदेशक महोदय, प्राविधिक शिक्षा के दृढीकरण ;म्दकवतेमउमदजद्ध के उपरान्त की जाती है । यदि डी0पी0सी0 में किसी कारण वश कोई विवाद हो तो नियमावली के अनुसार, 91;4द्ध धारा के अन्तर्गत प्रधानाचार्य पद पर तदर्थ प्रोन्नति कर नियुक्ति करने का प्राविधान है ।
इनका दायित्व संस्था के पठन-पाठन से लेकर साज-सज्जा, उपकरणों के क्रय, मरम्मत, सफाई व्यवस्था तथा छात्र कल्याण संबंधी समस्त कार्यों को करवाने की शक्तियों में निहित होता हैं । संस्था के दैनिक कार्याकलापों की गतिशीलता हेतु उसे चुतर्थ श्रेणी कर्मियों की नियुक्ति एवं दंड देने का अधिकार है । अन्य अधीनस्थ अधिकारियों/कर्मचारियों के हितार्थ आकस्मिक अवकाश, वेतन आहरण वितरण का कार्य, अस्थाई सामान्य भविष्य निधि अग्रिम स्वीकृति एवं अराजपत्रित कर्मियों को उपार्जित अवकाश एवं चिकित्सा अवकाश की स्वीकृति प्रदान करने का अधिकार होता है तथा समस्त कर्मियों के अनेक कार्य एवं आचरण से सम्बन्धित वार्षिक गोपनीय आख्या लिखना एवं संस्था हित में उठाये जाने वाले कदमों की शक्तियाँ प्रदत्त हैं ।
जहाँ शक्तियाँ हैं वहाँ कर्तव्य भी निहित होता है । जैसा कि पहले भी कहा गया है कि बहुधन्धी संस्थाओं का प्रधानाचार्य एक र्शक्षिक अधिकारी होता है, अतः संस्था के प्रशासनिक कार्यों के साथ-साथ शैक्षिक कार्यकलापों को भी देखना उसका कर्तव्य हैं । अतः सप्ताह में कम से कम 03 वादन लेना उसके कर्तव्य में निहित है । संस्था की प्रत्येक इकाई का निष्पक्ष्ता के आधार पर उसकी समस्याओं का निदान एवं कल्याणकारी कार्य सम्पादित करना उसका कर्तव्य है । किसी छात्र/छात्रा या स्टाफ के अस्वस्थ होने पर उसकी चिकित्सा का समुचित प्रबन्ध करना भी उसके नैतिक दायित्वों में आता है । यदि कोई भी प्रकरण किसी भी नियम में आच्छादित नहीं होता है तो उसे स्वयं विवेकानुसार निर्णय लेना होता है ।
प्रधानाचार्य के अधीन अन्य स्टाफ जैसे विभाग के अध्यक्ष, व्याख्याता, कनिष्ठ व्याख्याता, सहायक व्याख्याता, प्रयोगशाला प्रविधिज्ञ, अनुदेशक, कार्यालय स्टाफ एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी/परिचर कर्मिक होते हैं । वैसे तो अधिकारी/कर्मचारी को विशेष शक्तियां प्रदान नहीं की गयी हैं परन्तु समय-समय पर संस्था का कार्य सुचारू रूप से चलाने के लिये प्रधानाचार्य द्वारा उन्हें अपनी शक्तियाँ स्थानान्तरित की जाती हैं एवं तद्नुसार कर्तव्यों का बोध कराया जाता है । शैक्षिक कर्मचारी की सम्पूर्ण शक्तियां एवं कर्तव्य उनके द्वारा छात्र को अपने विभाग के व्याख्याता, सहायक व्याख्याता एवं अन्य शैक्षिक कर्मियों की मदद से समय चक्र का निर्माण करना, सुचारू पठन-पाठन के लिये उसका क्रियान्वयन करना, विभाग से सम्बन्धित छात्रों की समस्याओं का अनुश्रवण कर उचित समाधान करना ।
ए0आई0सी0टी0ई0 के मानक के अनुसार 18 वादनों तक एवं परिषद के नियमानुसार छात्रों को पाठ्यचर्या, व्याख्याताओं एवं अन्य सम्बन्धित शिक्षकों से अध्यापित करवाना/प्रयोगशालाओ/कार्यशालाओं एवं अन्य अभिकरण को सुचारू रूप से संचालित, छात्रों के अनुशासन सम्बन्धित निर्णय लेने की शक्तियाँ एवं कर्तव्य प्रदत्त हैं । विभागाध्यक्षों को अपने विभाग के व्याख्याताओं की गोपनीय आख्या प्रधानाचार्य को संस्तुत करने का अधिकार है । प्रधानाचार्य द्वारा गठित अनुशासन समिति जिसमें सभी विभागाध्यक्ष एवं वरिष्ठ व्याख्याता एवं अन्य विभागीय कर्मचारी होते हैं जिन्हे छात्र/छात्राओं की सभी समस्याओं का निदान कर अपनी संस्तुति प्रधनाचार्य को देनी होती है जिससे संस्था में शान्तिमय वातावरण बना रहे ।
व्याख्याता एवं समकक्ष अधिकारियों को अखिल भारतीय प्राविधिक शिक्षा परिषद के मानकों के अनुसार वादन लेकर पाठ्यचर्या को पढ़ाना होता है तथा छात्र/छात्राओं की उपस्थिति पंजिका एवं शैक्षिक डायरी का रखरखाव होता है ।
संस्था में व्याख्याता एक महत्तवपूर्ण पद होता है उसे शिक्षण की प्रत्येक विधा से संपर्क रखना होता है । परीक्षा सम्पन्न कराना, मूल्यांकन करना, प्रश्न पत्र निर्माण, पाठ्यचर्या के संशोधन में सहभगिता करना, परिषदीय उडाका दल एवं स्थानीय उडाका दल में सम्मिलित होकर परीक्षाएं स्वस्थ एवं सुचारूरूप से करना । सम्बन्धित प्रयोगशाला में उपस्थित रहकर छात्र/छात्राओं को प्रायोगिक प्रशिक्षण प्रदान करना, विषय वस्तु से सम्बन्धित मौखिकी द्वारा उनके ज्ञानात्मक पहलू का अनवरत रूप से आकलन कर उनका मूल्यांकन करना होता है । इसके अतिरिक्त समय-समय पर संस्था प्रशासन द्वारा सौंपे दायित्वों का निर्वहन करना भी होता है । शासन/विभाग ने उसे समुचित अधिकार भी प्रदान किये हैं । व्याख्याता एक द्वितीय श्रेणी का राजपत्रित अधिकारी होता है । अतः विभाग ने उसे 15 वर्ष की सेवाओं के साथ प्रधानाचार्य पद पर प्रोन्नत हेतु राजपत्रित नियमावली 1990 के द्वारा अर्ह माना है तथा उसे प्रमाण पत्र अभिप्रमाणित करने एवं चरित्र प्रमाण पत्र देने का अधिकार भी शासन द्वारा प्रदान किया गया है ।
सहायक प्रवक्ताः- इस स्तर के कर्मचारी विभागों में व्याख्याताओं के साथ सम्पर्क कर पठन-पाठन की प्रक्रिया को गतिशील करते हैं । इनकी अर्हता अभियांत्रिक या उच्च होती है । विशेषकर सहायक व्याख्यातागण प्रायोगिक कार्य सम्पन्न कराते हैं एवं व्याख्याताओं के उपलब्ध न होने पर सैद्धान्तिक कक्षायें भी सम्पन्न कराते हैं । इनका नियुक्ति अधिकारी संयुक्त निदेशक/निदेशक होते हैं । इन्हें सम्पूर्ण प्रायोगिक कार्यों को सम्पन्न कराने का अधिकार प्राप्त है तथा परिषद द्वारा निर्धारित प्रायोगिक कार्य को समयान्तर्गत सम्पन्न करना तथा छात्रों की प्रायोगिक सम्बन्धी अभिलेख फाइल, प्राकार्य इत्यादि का रखरखाव करते हैं साथ ही साथ विभागीय अन्य प्रदत्त कार्यों को सम्पन्न कराने में सहायक होते हैं ।
कनिष्ट व्याख्याताः- इस स्तर के कर्मचारी अधिकांशतः फार्मेसी विभाग में हैं, इनकी अर्हता फार्मेसी में स्नातक उपाधि होती है । इनके नियुक्ति प्राधिकारी संयुक्त निदेशक/निदेशक होते हैं । इन्हें सैद्धान्तिक कक्षाओं के साथ-साथ प्रायोगिक कक्षाएं भी सम्पन्न करानी होती हैं तथा विभागाध्यक्ष के निर्देशानुसार अन्य आवश्यक कार्यों का निर्वहन करना होता है ।
अनुदेशक (कर्मशाला/अन्य):-कर्मशाला अनुदेशक अपने कर्मशाला अधीक्षक के अन्तर्गत कार्य करते हैं तथा उसके निर्देशन में विभिन्न कार्यशालाओं का संचालन करते हैं तथा छात्र/छात्राओं को प्रायोगिक प्रशिक्षण प्रदान करते हैं । इनकी पदोन्नति सहायक कर्मशाला अधीक्षक तथा कर्मशाला अधीक्षक के पद पर होती है ।
कला अनुदेशकः- अभियान्त्रिकी की सभी शखाओं में कला विषय का अध्यापन करने का दायित्व कला अनुदेशक का होता है । इसमें यांत्रिक, सिविल, विद्युत आदि अनुदेशक होते हैं । इनके नियुक्ति प्राधिकारी भी संयुक्त निदेशक/निदेशक होते हैं । अभियांत्रिक कला अभियांत्रिकी का एक महत्वपूर्ण अंग होता है तथा उसे अभियन्ताओं की भाषा भी कहा जाता है । अतः इन कार्मिकों का दायित्व बहुत ही महत्वपूर्ण होता है । सम्बन्धित विभागाध्यक्ष या कार्यवाहक विभागाध्यक्ष के अन्तर्गत उनके निर्देशानुसार ये छात्रों को नवीन विषय की जानकारी देते हैं । विषय वस्तु को स्पष्ट करने के लिये इन्हें विभिन्न माडलों का भी प्रयोग करना होता है ।
कम्प्यूटर प्रोग्रामरः-संगणक प्रयोगशाला के सफल संचालन हेतु तथा अभियंत्रिकी की विभिन्न शाखाओं एवं कम्प्यूटर अभियांत्रिकी की शाखा के छात्र/छात्राओं को समुचित व्यावहारिक ज्ञान प्रदान करने हेतु इनकी नियुक्ति की जाती है । इनके नियुक्ति प्राधिकारी भी संयुक्त निदेशक/निदेशक होते हैं । आजकल कम्प्यूटर की जानकारी सभी विधाओं में आवश्यक हो गई है । अतः कम्प्यूटर कार्मिक का दायित्व भी महत्वपूर्ण हो गया है । विभागाध्यक्ष या संस्था प्रधान के निर्देशानुसार ये अपने दायित्वों का निर्वहन छात्र हित में करते हैं ।
पुस्तकालयाध्यक्षः- संस्था में पुस्तकालय विज्ञान में स्नातक योग्यताधारी पुस्तकालयाध्यक्ष होता है । उसकी नियुक्ति संयुक्त निनदेशक स्तर के प्राधिकारी द्वारा नियमानुसार हंोती है । संस्था में प्राविधिक/अप्राविधिक, फार्मेसी, वास्तुकला, गणित, साहित्य, अंग्रेजी तथा अन्य आध्ुानिक विधाओं कंप्यूटर, आई0टी0, अभियान्त्रिकी इत्यादि की पुस्तकें हैं तथा विभिन्न पत्र जर्नल, समाचार पत्र आदि उपलब्ध रहते हैं । एक योग्य एवं कुशल पुस्तकालयाध्यक्ष ही तकनीकी पुस्तकालय का सफल संचालन कर सकता है ।
प्रयोगशाला प्राविधिज्ञः- इन्हे प्रयोगशाला सहायक भी कहते हैं, इनका कार्य प्रयोगशाला का रखरखाव करना, छात्र/छात्राओं को प्रायोगिक कार्य कराना तथा छात्रों की अन्य समस्याओं का अध्ययन कर उन्हें विभागाध्यक्ष के माध्यम से हल कराना होता है । इनके नियुक्ति प्राधिकारी संयुक्त निदेशक/प्रधानाचार्य होते हैं । विभाग में इन कार्मिकों का योगदान महत्वपूर्ण होता है ।
कार्यालय स्टाफः- इनमें वैयक्तिक अधिकारी, मुख्य सहायक, आशुलिपिक (वैयक्तिक सहायक, वरिष्ठ वैयक्तिक सहायक),लेखाकार ,कनिष्ठ सहायक आदि होते हैं । इन कार्मिकों की सहायता से प्रधानाचार्य संस्था के समस्त अधिकारियों/कर्मचारियों की व्यक्तिगत पत्रावली, अन्य गोपनीय अभिलेख, सामान्य भविष्य निधि एवं विवरण तैयार कराते हैं तथा समस्त स्टॉॅफ के सभी कार्य कार्यालय द्वारा सम्पादित होते हैं । समय पर वेतन बिल का निर्माण एवं कार्मिकों में उसके भुगतान से लेकर अन्य मौद्रिक कार्य उन्हीं की सहायता से प्रधानाचार्य सम्पन्न करते हैं । इन्हें सहायक स्टाफ भी कहते हैं । कार्यालय स्टाफ जितना अधिक कुशल, गतिशील होगा उसी अनुपात में कार्मिकों के प्रकरण निष्पक्ष भाव से निपटाये जा सकते हैं । इनके नियुक्ति अधिकारी संयुक्त निदेशक स्तर के प्राधिकारी होते हैं । प्रधानाचार्य की संस्तुति पर संयुक्त निदेशक स्तर के प्राधिकारी इन पर प्रशासनिक/कल्याणकारी कार्रवाई कर सकते हैं ।
चतुर्थ श्रेणी कर्मचारीः- बहुधन्धी संस्थाओं में प्रत्येक शाप, प्रयोगशाला, कर्मशाला, कार्यालय, छात्र कल्याण, भंडार, पुस्तकालय आदि हेतु गतिशीलता हेतु मानक के अनुसार चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी नियुक्त किये जाते हैं । वर्तमान में राजकीय पॉलीटेक्निक लोहाघाट में 05 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी हैं । इनका कार्य, सहायक व्याख्याताओं, अनुदेशकांे की मदद करना है, जिससे वे छात्र/छात्राओं को भलीभाँति एवं कुशलता से व्यवहारिक ज्ञान प्रदान कर सकें । इनका दायित्व कर्मशाला, प्रयोगशाला, शॉप आदि की सफााई, मशीनों एवं उपकरणों की नियमित सफाई या प्रत्येक इकाई की जानकारी रखकर उसे अनुदेशक, सहायक व्याख्याता, कर्मशाला अधीक्षक या सम्बन्धित अधिकारी को देना होता है । सभी अधिकारियों कर्मचारियों एवं अन्य आगंतुकों के साथ विनम्रता का व्यवहार कर जल प्रस्तुत करना तथा मेजों, कुर्सियों आदि की सफाई कर एक शैक्षिक वातावरण उत्पन्न करना होता है । डाक व्यवस्था, कोषागार सम्बन्धी कार्य, निदेशालय के त्वरित कार्य, दूरभाष सुनना तथा सम्बन्धित अधिकारियों की सहायतार्थ तत्पर रहना इनके दायित्व में आता है । इनके नियुक्ति अधिकारी संस्था के प्रधानाचार्य होते हैं । इन्हें नियंत्रित करने के समस्त अधिकार संस्था प्रधानाचार्य को प्राप्त होते हैं ।
मैनुअल क्रम संख्या 3
लोक प्राधिकारी अथवा उसके कर्मियों द्वारा अपने कृत्यों के निर्वहन के लिये धारित तथा प्रयोग किये जाने वाले नियम, विनियम, अनुदेश, निर्देशिका और अभिलेख की सूचना
संस्था के प्रधानाचार्य को लोक सूचना अधिकारी नियुक्ति किया गया है । प्रधानाचार्य अपने कृत्यों का निर्वहन शासन द्वारा शासकीय कार्यों के सफल संचालन एवं नियमबद्ध तरीके से करने के लिये बनाये गये वित्तीय हस्तपुस्तिकाएं, सुगम सेवानियमावलियाों, शासनादेश संग्रह के नियमों के नियमों के अनुसार करता है । ये अभिलेख संस्था पुस्तकालय में उपलब्ध हैं ।
प्रधानाचार्य द्वारा निर्धारित एवं निर्देशित नियमों के अन्तर्गत अपने अधीनस्थ अधिकारियों/कर्मचारियों का वेतन तीन माह के मूल वेतन के धनराशि के बराबर जी0पी0एफ0 अग्रिम स्वीकृत, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की नियुक्ति (अधिकृत कमेटी गठित कर), तृतीय श्रेणी लिपिक वर्ग एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियसें को समयमान वेतनमान/प्रोन्नत वेतनमान स्वीकृत किया जाता है । तृतीय श्रेणी प्रशिक्षक वर्ग एवं द्वितीय श्रेणी अधिकारियों का समयमान वेतनमान/प्रोन्नत वेतनमान हेतु संस्तुति उच्चधिकारियों/निदेशक/शासन को की जाती है ।
प्राधिकारी के अधीनस्थ कर्मियों द्वारा भी नियम/अनुदेशों के उक्त अभिलेखों में निर्देशित नियमों का अनुपालन करते हुये कृत्यों का निर्वहन किया जाता है । जैसे व्याख्याताओं को अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के मानक के अनुसार कम से कम 12 वादन लेना, छात्रों को विषय वस्तु का ज्ञान प्रदान करना, उपस्थिति पंजिका को अद्यावधि रखना, शिक्षक डायरी का रखरखाव, छात्रों को अनुशासित रखने में प्रेरक की भूमिका का निर्वहन करना । समय-समय पर पाठ्यक्रम की समयानुसार समीक्षा कर उच्च शैक्षिक अधिकारियों को संसूचित करना । पुस्तकालय में उपलब्ध संदर्भ पुस्तकों एवं जर्नलों का पूर्ण उपयोग कर आधुनिक एवं समीचीन प्राविधिकी एवं विधाओं से अवगत रहकर छात्रों को प्राविधिकी एवं ज्ञान हस्तान्तरण करना ।
मैनुअल क्रम संख्या 4
नीति बनाने या उसके कार्यान्वयन के सम्बन्ध में जनता के सदस्यों से परामर्श के लिये या उनके प्रतिनिधित्व के लिये विद्यमान व्यवस्था के सम्बन्ध में सूचना
वर्तमान में संस्था स्तर पर जनता के सदस्यों से परामर्श के लिये अभी तक कोई विधिवत व्यवस्था नहीं है और न ही इसकी आवश्यकता महसूस की गई हैं । वैसे प्राविधिक शिक्षा परिषद में जनता का एक प्रतिनिधि परिषद का सदस्य नामित होता है । जिसकी कि परिषद के सभी कार्यकलापों में संस्तुति लेना आवश्यक होता है । तदनुसार परिषद संस्थाओं का संचालन करती है । फिर भी यदि शासन चाहे तो प्राविधिक शिक्षा के उन्नयन हेतु संस्था के हितार्थ जनता के किसी संभ्रान्त शिक्षाविद को संस्था से जोड़ा जा सकता है ।
सामुदायिक विकास योजना की कार्यकारी समिति में जनता के प्रतिनिधि भी सम्मिलित किये जाते हैं । ये सामान्यता ग्राम प्रधान या ब्लॉक प्रमुख होते हैं जो कि योजना के सफल कार्यान्वयन के लिये उचित परामर्श देते हैं ।
मैनुअल क्रम संख्या 5
दस्तावेजों, जो लोक प्राधिकारी द्वारा धारित या उसके नियन्त्राणाधीन है, के अनुसार विवरण
सस्था के प्रधानाचार्य को लोक सूचना अधिकारी नामित किया गया है । शासकीय कार्योे को सुचारूरूप से व नियमसंगत प्रक्रिया के अनुरूप सम्पादित करने हेतु प्रधानाचार्य द्वारा कार्य सहायकों को कार्य आबंटत किया जाता है तथा कार्यालय सहायकों द्वारा समस्त दस्तावेजांे का प्रवर्ग वार रखरखाव किया जाता है जो कि प्रधाानाचार्य के नियन्त्रणाधीन होते हैं ।
1 स्थापनाः- |
समस्त अधिकारियो/कर्मचारियों की उपस्थिति पंजिकाएं ।
समस्त अधिकारियो/कर्मचारियों की सेवा पुस्तिकाएं ।
समस्त अधिकारियो/कर्मचारियों की व्यक्तिगत पत्रावलियां ।
शासनादेशों की गार्ड फाइल ।
निदेशालय/शासन के पत्राचार से सम्बन्धित पत्रावलियां ।
विभिन्न विभागों से सम्बन्धित विविध विषयों की पत्राचार की पत्रावलियां ।
आकस्मिक/अर्जित/चिकित्सा अवकाश से सम्बन्धित पत्रावलियां व पंजिका ।
वेतन, पेंशन, शीतकालीन/ग्रीष्मकालीन अवकाश से सम्बन्धित पत्रावलियां ।
वेतनवृद्धि पंजिका ।
भारत सरकार द्वारा संचालित सा0वि0यो0 से सम्बन्धित मासिक/त्रैमासिक विवरण पत्रावलियां
सा0वि0यो0 के लाभार्थियों से सम्बन्धित पत्रावलियां एवं पंजिकाएं ।
|
2 भण्डारः- | क्रय किये गये समस्त साज-सज्जा, उपकरण सम्बन्धित भण्डार पंजिका ।
कच्चे माल सामग्री सम्बन्धित भण्डार पंजिका ।
क्रय/कोटेशन/निविदा/माँग सम्बन्धित पत्रावलियां ।
निष्प्रोज्य सामग्री/नीलामी सम्बन्धी पत्रावलियां व पंजिका ।
स्टेशनरी भण्डार पंजिका ।
पी0एल0ए0 भण्डार पंजिका ।
मरम्मत सम्बन्धित पंजिका ।
साज-सज्जा/सामान निर्गत, सामान वापस सम्बन्धित इण्डेंट पत्रावली ।
सा0वि0यो0 से सम्बन्धित भण्डार पंजिकाएं व पत्रावलियां । |
3 लेखाः- | आहरण वितरण (वेतन)/ अन्य सभी प्रकार के भत्ते सम्बन्धी बिल, पत्रावलियां तथा पंजिका ।
कैश बुक ।
बिल/बाउचर सम्बन्धी पत्रावलियां ।
मासिक/वार्षिक आय-व्यय सम्बन्धी अभिलेख ।
छात्र निधि सम्बन्धी अभिलेख ।
कोषागार पंजिका ।
बैंक ड्राफ्ट पंजिका ।
पी0एल0ए0 कैश बुक ।
चेक बुक पंजिका ।
सामान्य भविष्य निधि पंजिका ।
स्टाफ की सामान्य भविष्य निधि पासबुक ।
11.ब् पंजिका ।
रा0से0यो0 सम्बन्धी आय-व्यय अभिलेख ।
सा0वि0यो0 से सम्बन्धित कैशबुक, वेतन पंजिका, बिल पंजिका व चेक बुक पंजिका । |
4 छात्र सम्बन्धीः- | प्रवेश सम्बन्धी अभिलेख व पत्रावलियंा ।
प्राविधिक शिक्षा परिषद, रूडकी से प्राप्त निर्देश व कार्यकलापों से सम्बन्धित पत्रावलियां ।
छात्र स्थानान्तरण सम्बन्धित पत्रावलियां ।
छात्रों के डिप्लोमा/माइग्रेशन/अनन्तिम प्रमाण पत्र सम्बन्धित पत्रावली ।
छात्रों की सारणीयन पंजिका व अंकतालिका से सम्बन्धित सूचनाएं ।
छात्रों के अ0जा0, अ0ज0जा0, पि0जा0, विकलांग छात्रवृत्ति सम्बन्धित सूचना व पत्रावलियंा
प्रवेश परीक्षा से सम्बन्धित पत्रावलियां व पंजिका ।
वार्षिक/सेमेस्टर परीक्षा से सम्बन्धित पत्रावलियां व पंजिकाएं ।
छात्रावास कक्ष आबंटित व उपस्थिति पंजिका । |
5 गोपनीय/प्रशासनः- | समस्त अधिकरियों/कर्मचारियों द्वारा निष्पादित किये गये शासकीय कार्यों के आकलन पर आधारित चरित्र प्रविष्टियां सम्बन्धी अभिलेख ।
पंजिकाओं की पंजिका ।
न्यायालय विवाद सम्बन्धी पत्रावलियां, बिल व पंजिका ।
दूरभाष सम्बन्धित पंजिका ।
एस0पी0एस0 से सम्बन्धित पंजिका ।
विजिटिंग व प्रस्थान पंजिका । |
6 डायरी/डिस्पेचः- | डायरी/डिस्पेच पंजिका ।
एस0पी0एस0 से सम्बन्धित पंजिका ।
पंजीकृत डाक पंजिका ।
स्थानीय/संस्था स्तरीय डाक पंजिका । |
7 पुस्तकालयः- | परिग्रहण पंजिका ।
स्टाफ पुस्तक निर्गत पंजिका ।
छात्र पुस्तक निर्गत पंजिका ।
पत्र-पत्रिका पंजिका ।
पुस्तकालय सम्पत्ति व कच्चे माल सम्बन्धित पंजिका ।
पत्राचार पत्रावलियां ।
पुस्तक निष्प्रोज्य पत्रावलियां ।
पुस्तकालय अनुदान पत्रावली । |
8 भूमि-भवनः- | आवसीय व अनावासीय भवनों के नक्से ।
भूमि सम्बन्धी राजस्व अभिलेखों में ।
भूमि व भवन सम्बन्धी पत्रावलियां ।
निर्माणाधीन भवनों से सम्बन्धित पत्रावलियां ।
नये खुलने वाले पॉलीटेक्निकों से सम्बन्धित प्रोजेक्ट रिपोर्ट ।
आवासीय भवनों का शुल्क/विद्युत शुल्क व आबंटन विषयक सूचना सम्बन्धित । |
मैनुअल क्रम संख्या 6
बोर्डों परिषदों, समितियों और अन्य निकायों का विवरण, साथ ही विवरण कि क्या उन बोर्डों परिषदों, समितियों और अन्य निकायों की बैठकें जनता के लिये खुली होंगी या बैठकों के कार्यवृत्त तक जनता की पहुँच होगी
प्राविधिक शिक्षा उत्तरांचल के अन्तर्गत शिक्षण/प्रशिक्षण कार्यों के क्रियान्वयन/सम्पादन हेतु शासन द्वारा उत्तरांचल प्राविधिक शिक्षा परिषद का गठन किया गया है जो कि रूड़की में स्थित है । परिषद के वरिष्ठतम अधिकारी सचिव होते हैं तथा उनके अधीनस्थ संयुक्त सचिव, उप सचिव, सहायक सचिव, सीनियर ऑडिटर, लेखाकर एवं वरिष्ठ सहायक कार्यरत हैं ।
परिषद का कार्य जैसा कि मैनुअल.1 में बताया गया है कि छात्रों के प्रवेश कराने से लेकर डिप्लोमा प्रदान करने तक की समस्त शैक्षणिक प्रक्रिया को कार्यन्वित करना है । परिषद की बैठकें जनता के लिये खुली नहीं होती हैं । जनता का एक प्रतिनिधि प्राविधिक शिक्षा परिषद का नामित सदस्य होता है। परिषद के समस्त कार्यकलापों में उक्त सदस्य की संस्तुति आवश्यक रूप से ली जाती है ।
संस्था के कार्यों के सफल संचालन हेतु संस्था स्तर पर निम्न समितियां गठित की जाती हैं:-
1. अनुशासन समिति - संस्था स्तर पर अनुशासन बनाये रखना ।
2 छात्र प्रवेश समिति - प्रथम वर्ष के छात्रों का प्रवेश सुनिश्चित करना ।
3. शैक्षणिक समिति - संस्था में शैक्षिक समय चक्र बनाना व शैक्षिणिक गतिविधियां संचालित करना ।
4. परीक्षा समिति - परिषदीय व अन्य प्रकार की परीक्षायें सम्पादित करना ।
5. छात्र कल्याण समिति - छात्रवृत्ति व शुल्क मुक्ति संबन्धी कार्य ।
6. सांस्कृतिक समिति - संस्था व अन्य स्तरों पर सांस्कृतिक गतिविधियां संचालित करना ।
7. संस्था अर्न्तउद्योग समिति - उद्योग व संस्था के मध्य सम्पर्क स्थापित करना ।
8. प्रशिक्षण व सेवायोजन समिति - छात्रों व स्टाफ के प्रशिक्षण सम्बधी कार्य ।
9. रा0से0यो0 परामर्श समिति - रा0से0यो0 के कार्यों की समीक्षा व परामर्श सम्बन्धी ।
10. सा0वि0यो0 कार्यकारी समिति - सा0वि0यो0 के कार्यों की समीक्षा व परामर्श सम्बन्धी ।
11. क्रय/निष्प्रोज्य समिति - संस्था के लिये भंडार के माध्यम से क्रय व निष्प्रोज्य कार्य ।
12. छात्रावास समिति - छात्रावास में छात्रों के नियन्त्रण व कल्याण सम्बन्धी ।
13. क्रीड़ा समिति - संस्था व अन्य स्तर पर खेलकूदों का संचालन ।
14. संस्था सुरक्षा समिति - संस्था की सुरक्षा सम्बन्धी ।
15. भवन व विद्युत मेंटीनेंस समिति - भवन व विद्युत व्यवस्था के रखरखाव सम्बन्धी ।
16. पुस्तकालय समिति - संस्था के पुस्तकालय व वाचनालय का संचालन ।
17. एल0ओ0यू0सी0समिति - लर्निंग रिसोर्सेज को तैयार करना ।
संस्था स्तरीय उक्त समितियां का आम जनता से कोई सम्बन्ध नहीं हैं क्योंकि ये समितियां संस्था के प्रबन्धन के लिये आपसी सहयोग से कार्य करती हैं इसीलिये इन समितियों में जनता की सहभागिता की आवश्यकता नहीं होती है । फिर भी यदि जनता कोई सुझाव देना चाहे तो सुझाव पेटी में अपना सुझाव प्रस्तुत कर सकते हैं जिसे पूर्ण गम्भीरता से लेते हुये उस पर तदनुसार कार्यवाही की जाती है ।
मैनुअल क्रम संख्या 7
लोक सूचना अधिकारियों के नाम पदनाम व अन्य विशिष्टियां
इस संस्था के लिये संस्था के प्रधानाचार्य को नामित किया गया है ।
1. अधिकारी का नाम - श्री राजीव सिंह
2. पदनाम - प्रधानाचार्य
3. अन्य विशिष्टियां- प्रधानाचार्य का दायित्व संस्था के पठन-पाठन से लेकर साज-सज्जा, उपकरणों के क्रय, मरम्मत, सफाई व्यवस्था तथा छात्र कल्याण संबंधी समस्त कार्यों को करवाने की शक्यिां निहित होती हैं । संस्था के दैनिक कार्याकलापों की गतिशीलता हेतु उसे चुतर्थ श्रेणी कर्मियों की नियुक्ति एवं दंड देने का अधिकार है । अन्य अधीनस्थ अधिकारियों/कर्मचारियों के हितार्थ आकस्मिक अवकाश, वेतन आहरण वितरण का कार्य, अस्थाई सामान्य भविष्य निधि अग्रिम स्वीकृति एवं अराजपत्रित कर्मियों को उपार्जित अवकाश एवं चिकित्सा अवकाश की स्वीकृति प्रदान करने का अधिकार होता है तथा समस्त कर्मियों के अनेक कार्य एवं आचरण से सम्बन्धित वार्षिक गोपनीय आख्या लिखना एवं संस्था हित में उठाये जाने वाले कदमों की शक्तियाँ प्रदत्त हैं ।
जहाँ शक्तियाँ हैं वहीं कर्तव्य भी निहित होता है । जैसा कि पहले भी की गया है कि बहुधन्धी संस्थाओं का प्रधानाचार्य एक शैक्षिक अधिकारी होता है, अतः संस्था के प्रशासनिक कार्यों के साथ-साथ शैक्षिक कार्यकलापों को भी देखना उसका कर्तव्य हैं । अतः सप्ताह में कम से कम 03 वादन लेना उसके कर्तव्य में निहित है । संस्था की प्रत्येक इकाई का निष्पक्षता के आधार पर उसकी समस्याओं का निदान एवं कल्याणकारी कार्य सम्पादित करना उसका कर्तव्य है । किसी छात्र/छात्रा या स्टाफ के अस्वस्थ होने पर उसकी चिकित्सा का समुचित प्रबन्ध करना भी उसके नैतिक दायित्वों में आता है । यदि कोई भी प्रकरण किसी भी नियम में आच्छादित नहीं होता है तो उसे स्वयं विवेकानुसार निर्णय लेना होता है ।
मैनुअल क्रम संख्या 8
निर्णय करने की प्रक्रिया (पर्यवेक्षण एवं उत्तरदायित्व के स्तर सहित)
वैसे तो किसी भी प्रकार के मामलों में निर्णय लेने/निपटान करने के लिये शासन द्वारा शासनादेशों एवं नियमों के माध्यम से निर्देश प्राप्त होते हैं । फिर भी किसी प्रकरण में निर्णय लेना एक प्राधिकारी के व्यक्तित्व, उसके ज्ञान एवं निष्पक्षता पर निर्भर करता हैं । इस संस्था का प्रधान एक शैक्षिक अधिकारी होता है अतः उसमें आचार्यत्व सन्निहित होता है । उसे गुण दोषों के आधार पर संस्था की समस्त इकाईयों के कार्यकलापों के निरीक्षण एवं पर्यवेक्षण करने का पूर्ण अधिकार है । किसी भी प्रकरण के आने पर सर्वप्रथम सम्बन्धित प्रकरण संस्था द्वारा नामित सम्बन्धित समिति को अग्रसारित किया जाता हैं । समिति की आख्या आने पर संस्था प्रधान द्वारा उसका अध्ययन स्वयं के स्तर पर भी किया जाता है तथा परोक्ष रूप से तथ्य तक पहुँचने के लिये पूर्ण जानकारी प्राप्त की जाती है । प्रकरण से सम्बन्धित गोपनीयता व पारदर्शिता रखते हुये संस्था प्रधान नियमानुसार व अपने विवेकानुसार अपनी शक्तियों का प्रयेाग करते हुये प्रकरण का निपटान करते हैं और निर्णय की एक प्रति सूचनापट्ट पर अवलोकनार्थ लगा दी जाती है । जो प्रकरण संस्था प्रधान के स्तर के बाहर के होते हैं उन्हें अपनी आख्या के साथ संस्था प्रधान द्वारा उच्चाधिकारियों को समुचित कार्यवाही के अनुरोध के साथ प्रेषित किया जाता है ।
छात्रों के प्रत्येक प्रकार का प्रकरण से सम्बन्धित समिति की संस्तुति पर दैनिक स्तर पर प्रधानाचार्य या उसके नामित अधिकारी के द्वारा निरीक्षण या पर्यवेक्षण कर निपटान किया जाता है ।
संस्था के कार्यों के निर्वहन हेतु समय-समय पर शासन द्वारा आदेश प्राप्त होते रहते हैं जिनका अनुश्रवण निदेशालय स्तर पर किया जाता है । शासन द्वारा प्राप्त आदेश निश्चित प्रक्रिया द्वारा निदेशालय के अनुमोदनोपरान्त कार्यान्वित होते हैं ।
मैनुअल क्रम संख्या 9
अधिकारियों व कर्मचारियों की निर्देशिका
वर्तमान में सस्था में संचालित पाठ्यक्रमों के अन्तर्गत निम्नानुसार अधिकारी व कर्मचारी कार्यरत हैं:-
क्र0सं0 | विभाग | अधिकारी/कर्मचारी का नाम | पदनाम | दूरभाष नं0 |
श्री राजीव सिंह | प्रधानाचार्य | 9412306560 |
1 | सिविल अभियन्त्रण | श्री पी. सी. पाण्डे | व्याख्याता | 9897772378 |
रिक्त | सहायक प्रवक्ता | |
श्री सुधीर वर्मा | कला अनुदेशक | 9627391675 |
श्री के. सी. बिष्ट | कर्मशाला अनुदेशक | 9410568483 |
रिक्त | कर्मशाला अनुदेशक | |
2 | इलैक्ट्रॉनिक्स अभियन्त्रण | श्री विकास गुप्ता | अध्यक्ष | 9411753272 |
श्री के. के. आर्या | व्याख्याता | 9456510997 |
3 | फार्मेसी | श्री एच. वी. शर्मा | अध्यक्ष | 9458901702 |
श्री कमलेश कुमार | व्याख्याता | 9412646488 |
श्री सुनील कुमार | व्याख्याता | 9456510770 |
श्री डी. सी. लोहुमी | लैब सहायक | 9411708336 |
श्री डी. के. शर्मा | प्रयोगशाला सहायक | 9411138143 |
4 | विज्ञान व मानविकी | श्री आर. के. नरियाल | व्याख्याता रसायन | 9457159183 |
5 | एम. ओ. एम. एण्ड एस.पी. | रिक्त | अनुदेशक स्टैनोग्राफी | |
श्री यू. सी. उप्रेती | टाइपराइटर मैकेनिक | 9837516469 |
6 | कार्यालय | श्री त्रिभुवन चन्द्र चौबे | वैयक्तिक अधिकारी | 9411115711 |
श्री आर. डी. राजभर | लाइब्रेरियन | 9412929989 |
श्री बी. सी. राय | मुख्य सहायक | 9412929897 |
श्री सी0 एस0 विष्ट | सहायक लेखाकार | 9690883800 |
श्री एन. सी. जोशी | छात्र लिपिक | 9411517736 |
श्रीमती पुष्पा जोशी | कनिष्ट सहायक | 9410065552 |
रिक्त | कनिष्ठ सहायक | 9997612580 |
7 | चतुर्थ श्रेणी | श्री भगवान सिंह | कर्मशाला अनुचर | 7351666249 |
श्री हरीश चन्द्र राय | कर्मशाला अनुचर | 9411292161 |
श्री कैलाश सिंह | कर्मशाला अनुचर | 9411319614 |
श्रीमती पुष्पा देवी | प्यून कम अर्दली | 9411703210 |
श्री दीपक चन्द्र भट्ट | लैब अनुचर | 9411366128 |
आवश्यकतानुसार शासकीय कार्यों के सफल व पारदर्शी संचालन हेतु समय-समय पर प्रधानाचार्य द्वारा निर्देश जारी किये जाते हैं । शासन द्वारा जारी निर्धारित वित्त हस्त पुस्तिकाओं, सुगम सेवा नियम एवं सेवा शासनादेश संग्रहों में निर्देशित नियमों का पालन करते हुये समस्त कर्मचारी/अधिकारी कार्यों का निष्पादन करते हैं । उक्त सभी अभिलेख संस्था पुस्तकालय में उपलब्ध हैं जिनका किसी भी समय अवलोकन किया जा सकता है ।
मैनुअल क्रम संख्या 10
अपने प्रत्येक अधिकारी और कर्मचारी द्वारा प्राप्त मासिक पारिश्रमिक और उसके निर्धारण की पद्धति
संस्था में शिक्षण व शिक्षणेत्तर कार्यों के सम्पादन हेतु मैनुअल क्रम सं0 9 अंकित किये गये अधिकारी/कर्मचारी इस संस्था में कार्यरत हैं । शासन द्वारा सृजित पदों पर उक्त समस्त अधिकारियों/कर्मचारियों को निम्न स्वीकृत वेतनमानों में नियमानुसार वेतन निर्धारण करते हुये मासिक वेतन भुगतान किया जाता है ।
31-3-2013 को
क्र0सं0 | विभाग | अधिकारी/कर्मचारी का नाम | पदनाम | वेतनमान | कुल परिलब्धियां |
श्री राजीव सिंह | प्रधानाचार्य | 15600-39100 | 69953 |
1 | सिविल अभियन्त्रण | श्री पी. सी. पाण्डे | व्याख्याता | 15600-39100 | 68898 |
श्री सुधीर वर्मा | कला अनुदेशक | 9300-34800 | 49254 |
श्री के. सी. बिष्ट | कर्मशाला अनुदेशक | 15600-39100 | 52736 |
2 | इलैक्ट्रॉनिक्स अभियन्त्रण | श्री विकास गुप्ता | अध्यक्ष | 15600-39100 | 59580 |
श्री के. के. आर्या | व्याख्याता | 15600-39100 | 47922 |
3 | फार्मेसी | श्री एच. वी. शर्मा | अध्यक्ष | 15600-39100 | 63443 |
श्री कमलेश कुमार | व्याख्याता | 15600-39100 | 45762 |
श्री सुनील कुमार | व्याख्याता | 15600-39100 | 47370 |
श्री डी. सी. लोहुमी | लैब सहायक | 5200-20200 | 32825 |
श्री डी. के. शर्मा | प्रयोगशाला सहायक | 5200-20200 | 18630 |
4 | विज्ञान व मानविकी | श्री आर. के. नरियाल | व्याख्याता रसायन | 15600-39100 | 47370 |
5 | एम. ओ. एम. एण्ड एस.पी. | रिक्त | अनुदेशक स्टैनोग्राफी | | |
रिक्त | अनुदेशक स्टैनोग्राफी | | |
श्री यू. सी. उप्रेती | टाइपराइटर मैकेनिक | 5200-20200 | 24468 |
6 | कार्यालय | श्री त्रिभुवन चन्द्र चौबे | वैयक्तिक अधिकारी | 9300-34800 | 44214 |
श्री भुवन चन्द्र राय | मुख्य सहायक | 9300-34800 | 36716 |
श्री आर. डी. राजभर | लाइब्रेरियन | 9300-34800 | 32770 |
श्री सी0 एस0 विष्ट | सहायक लेखाकार | 9300-34800 | 34288 |
रिक्त | कनिष्ठ सहायक | 9300-34800 | |
श्रीमती पुष्पा जोशी | कनिष्ट सहायक | 5200-20200 | 18062 |
श्री त्रिलोक सिंह | कनिष्ट सहायक | 5200-20200 | 22514 |
7 | चतुर्थ श्रेणी | श्री भगवान सिंह | कर्मशाला अनुचर | 5200-20200 | 22173 |
श्री हरीश चन्द्र राय | कर्मशाला अनुचर | 4440-7440 | 19832 |
श्री कैलाश सिंह | कर्मशाला अनुचर | 4440-7440 | 16308 |
श्रीमती पुष्पा देवी | प्यून कम अर्दली | 4440-7440 | 16362 |
श्री दीपक चन्द्र भट्ट | लैब अनुचर | 4440-7440 | 16308 |
नव नियुक्त कर्मचारी/अधिकारी को निर्धारित सम्बन्धित वेतनमान के प्रारम्भिक मूल वेतन में तत्समय देय प्रतिमाह मँहगाई भत्ता तथा अन्य देय भत्ता (मकान किराया, पर्वतीय भत्ता आदि) सम्मिलित करते हुये मासिक वेतन भुगतान किया जाता है ।
निश्चित सेवा अवधि पूर्ण करने पर समय-समय पर शासन द्वारा निर्धारित निर्गत शासनादेशों के अन्तर्गत 08 वर्ष 19 वर्ष तथा 14 वर्ष व 24 वर्ष पर क्रमशः समयमान वेतनमान तथा प्रोन्नत वेतनमान स्वीकृति के उपरांत वेतन निर्धारण करते हुये वेतन भुगतान किया जाता था वर्तमान नियमानुसार राज्य कर्मचारियो एवं अधिकारियों को ए0 सी0 पी0 योजना के अन्तर्गत क्रमषः 10, 18 एवं 26 वषर््ा की नियमित संतोषजनक सेवा के आधार पर अनुमन्य ग्रेडवेतन के लाभ की सुविधा भी प्रदान की गयी है ।
मैनुअल क्रम संख्या 11
प्रत्येक अभिकरण को अबंटित बजट (सभी योजनाओं, व्यय प्रस्तावों तथा धन वितरण की सूचना सहित)
संस्था के लिये वित्तीय वर्ष 2013-14 हेतु मदवार आवंटित बजट के सापेक्ष वर्तमानतः किये गये व्यय का विवरण निर्धारित प्रारूप निम्नानुसार है:-
प्रारूप बी0एम0 11
माह अप्रैल, 2013
आयोजनेत्तर योजना
संस्था का नामः राजकीय पॉलीटेक्निक लोहाघाट ।
दिनांक 31-3-2013तक
क्र0सं0 | शीर्षक एवं मदें | स्वीकृत बजट | माह का योग | पूर्व माह का योग | प्रगतिशील योग | अवशेष बजट |
| 01 वेतन | 7900000 | 0 | 0 | 6481368 | 1418632 |
| 02 मजदूरी | 25000 | 0 | 0 | 223939 | 1061 |
| 4. महँगाई वेतन | 0 | 0 | 0 | 0 |
0 |
|
03 महँगाई भत्ता |
5423000 |
0 |
0 |
4393791 |
1029209 |
|
06 अन्य भत्ते |
1000000 |
0 |
0 |
466394 |
533606 |
|
04 यात्रा व्यय |
50000 |
0 |
0 |
59868 |
132 |
|
05 स्थाना0 यात्रा व्यय |
60000 |
0 |
0 |
23912 |
36088 |
|
07 मानदेय |
2000 |
0 |
0 |
0 |
2000 |
|
08 कार्यालय व्यय |
20000 |
0 |
0 |
19437 |
563 |
|
09 विद्युत व्यय |
150000 |
0 |
0 |
102341 |
47659 |
|
11 लेखन सामग्री |
15000 |
0 |
0 |
14954 |
46 |
|
12 कार्यालय फर्नीचर
|
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
|
13 टेलीफोन व्यय |
19000 |
0 |
0 |
18176 |
824 |
|
16 व्या0 सेवा पर व्यय |
1550000 |
0 |
0 |
1547108 |
2892 |
|
18 विज्ञापन |
13000 |
0 |
0 |
7193 |
5807 |
|
21 किराया उपशुल्क |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
|
22 आतिथ्य व्यय |
4000 |
0 |
0 |
0 |
4000 |
|
25 लद्यु निर्माण |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
|
26 मशीन एवं साज-सज्जा |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
|
27 चिकित्सा प्रतिपूर्ति |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
|
29 अनुरक्ष |
180000 |
0 |
0 |
179879 |
121 |
|
31 सामग्री सम्पूर्ति |
110000 |
0 |
0 |
109495 |
505 |
|
42 अन्य व्यय |
82000 |
0 |
0 |
81595 |
405 |
|
44 प्रशिक्षण |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
|
46 कम्प्यूटर हार्डवेयर |
150000 |
0 |
0 |
146877 |
3123 |
|
47 कम्प्यूटर अनुरक्षण |
90000 |
0 |
0 |
89065 |
935 |
|
कुल योग |
16823000 |
0 |
0 |
13735194 |
3087806 |
| | | | | | |
टिप्पणी- आयोजनागत व विश्व बैंक परियोजना के अन्तर्गत इस संस्था को किसी प्रकार का बजट आबंटित नहीं किया गया है ।
मैनुअल क्रम संख्या 12
अनुदान/राज्य सहायता कार्यक्रमों (Subsidy Programme) के क्रियान्वयन की रीति, जिसमें आवंटित राशि और ऐसे कार्यक्रमों के लाभार्थियों के ब्यौरे सम्मिलित हैं
प्राविधिक शिक्षा के अन्तर्गत वर्तमान में संस्था में अनुदान एवं राज्य सहायता कार्यक्रमों की किसी भी प्रकार का प्रस्ताव/स्वीकृति नहीं हैं । इस प्रकार के किसी भी प्रकार के कार्यक्रम का क्रियानवयन नहीं किया जाता है । अनुसूचित जाति के छात्र/छात्राओं को छात्र वेतन एवं अन्य लाभ अलग मद में नियमानुसार प्रदान किये जाते हैं ।
मैनुअल क्रम संख्या 13
रियायतों, अनुज्ञाप्रपत्रों तथा प्राधिकारों के प्राप्तकर्ताओं के सम्बन्ध में विवरण
इस मैनुअल में निर्धारित किये गये उक्त विषय/प्रकरणों से सम्बन्धित
किसी भी प्रकार के क्रियाकलाप इस संस्था स्तर पर नहीं होते हैं
अतः इस सम्बन्ध में विवरण दिया जाना सम्भव नहीं है ।
मैनुअल क्रम संख्या 14
कृत्यों के निर्वहन के लिये स्थापित मानक/नियम
निदेशालय द्वारा संस्था को प्रेषित शैक्षिक कलैन्डर सत्र 2013-14हेतु
( 20 .06. 2013 से 31.05.2014 तक)
1 प्रवेश हेतु आन लाइन काउसिलिंग
| प्रथम एवं द्वितीय चरण दिनॉंक 20 जून 2013 से 31 जुलाई 2013 तक। |
2 संस्था प्रारम्भ की तिथि | दिनॉंक 12 जुलाई 2013 । |
3 शैक्षिक सत्र का प्रारम्भ द्वितीय एवं तृतीय वर्ष के लिये | दिनॉंक 15 जुलाई 2013 से। |
3 शैक्षिक सत्र का प्रारम्भ प्रथम वर्ष के लिये | 1 अगस्त 2013 । |
4 प्रवेश तिथि | दिनॉंक 12-7- 2013 से 25-8-2013 तक |
5 विश्वकर्मा पूजा | 17 सितम्बर 2013 |
6 प्रथम वर्ष शुल्क मुक्ति हेतु मैरिट छात्रवृत्ति के आवेदन प्राप्त करने की तिथि। | संस्था द्वारा अग्रसारित कर 30-8-2013 तक परिषद कार्यालय में जमा किया जायेगा। |
7 द्वितीय/अंतिम वर्ष के छात्रों का स्थानान्तरण | अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष परिषद के निर्देशानुसार तिथि र्निधारित की जायेगी। |
8 शीकालीन सेमेस्टर परीक्षा 2013/वार्षिक परीक्षा 2013 के आवेदन पत्र भरकर परिषद कार्यालय में जमा करने की तिथि। | दिनॉंक 15 अक्टूबर 2013 तक परिषद् कार्यालय मं जमा होने अनिवार्य। |
9 शैक्षिक अंक परिषद् में प्रेषित करने की अंतिम तिथि | दिनॉंक 20 नवम्बर 2013 तक। |
10 संस्था स्तर के खेलकूद | नवम्बर में प्रधानाचार्य द्वारा निर्धारित तिथि के अनुसार। |
11 शीतकालीन सेमेस्टर परीक्षा 2013 प्रयोगात्मक/सैद्धान्तिक | दिनॉंक 1 दिसम्बर 2013 से 31 दिसम्बर 2013 तक। |
12 शीतकालीन अवकाश | 1 जनवरी 2014 से 15 जनवरी 2014 तक। |
13 औद्योगिक भ्रमण | शीतकालीन अवकाश के दौरान। |
14 एन.एस.एस. के विशेष शिविर का आयोजन | शीतकालीन अवकाश के दौरान। |
15 सेमेस्टर परीक्षा मूल्यांकन कार्य | शीतकालीन अवकाश के दौरान। मूल्यांकन कार्य में तैनात शिक्षकों को अर्जित अवकाश देय होगा। |
16 द्वितीय/चतुर्थ/षष्ठम सेमेस्टर प्रारम्भ | दिनॉंक 16 जनवरी 2014 से |
17 सेमेस्टर परीक्षाफल घोषणा | फरवरी 2014 द्वितीय सप्ताह में । |
18 सेमेस्टर परीक्षा - 2014(ग्रीष्मकालीन)एवं वार्षिक परीक्षा-2014 फार्मेसी/हो0 मैनेजमेन्ट के आवेदन पत्र जमा करने की तिथि | जमा करने अनिवार्य। |
19 सैत्रिक अंक परिषद में जमा करने की अंतिम तिथि | दिनॉंक 30 अपै्रल 2014 । |
20 वार्षिक परीक्षा - 2014 फार्मेसी /हो0 मेनेजमेन्ट एवं सेमेस्टर परीक्षा- 2013 ग्रीष्मकालीन प्रयोगात्मक/सैद्धान्तिक | मई 2014 - प्रथम सप्ताह से अंतिम सप्ताह तक। |
21 वर्षिक/सेमेस्टर परीक्षा मूल्यांकन कार्य | दिनॉंक 1 जून 2014 से 15 जून 2014 तक। |
22 वर्षिक/सेमेस्टर परीक्षा परीक्षाफल घोषणा | दिनॉंक 1 जुलाई 2014 तक। |
23 संयुक्त प्रवेश परीक्षा पालीटेक्निकस - 2014 की प्रवेश परीक्षा | दिनॉंक 4,,5 एवं 6 मई 2014। |
24 प्रवेश परीक्षफल घोषणा। | 20मई 2014 । |
25 आनलाईन काउसिलिंग | 16 जून 2014 से प्रस्तावित। |
26 औद्योगिक ट्रेनिग | सेमेस्टर परीक्षा समापन के उपरान्त। |
27 ग्रीष्मअवकाश | दिनॉंक 9 जून 2014 से 4 जुलार्इ्र 2014 तक। ग्रीष्म अवकाश के दौरान मूल्यांकन एवं काउसिलिंग कार्य में तैनात कार्मिकों को नियमानुसार अर्जित अवकाश देय होगा। |
नोटः- राज्य में संचालित समस्त पालीटेक्निक संस्थाओं का औचक निरीक्षण किया जायेगा। प्रधानाचार्य इस हेतु समस्त तैयारियां कैलेण्डर के अनुरूप करेगें।
सामान्य क्रियाकलापों के निर्वहन के लिये मानक/नियम हेतु निदेशालय द्वारा जारी किये गये उपरोक्त शैक्षणिक कलैण्डर का अनुपालन कर संस्था द्वारा अपना एक शैक्षणिक कार्यक्रम जो कि निदेशालय से प्राप्त शैक्षणिक कलेण्डर का ही एक स्थानीय परिस्थितियों के आधार पर तैयार किया गया है ।
इसमें प्रथम वर्ष के सेमेस्टर में परिषद द्वारा नियत काउन्सिलिंग के आधार पर चयनित छात्रों का संस्था स्तर पर अभिलेखों की जाँच के पश्चात प्रवेश दिया जाता है । इसमें शासन द्वारा स्थापित नियमों/उप नियमों का पालन किया जाता हैं । परिषद की वार्षिक परीक्षा के आधार पर उत्तीर्ण छात्रों को अगली कक्षाओं में प्रवेश दिया जाता है ।
संस्था में निदेशालय से प्राप्त कलेण्डर के आधार पर थोडा विचलन के साथ कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं । अगस्त/सितम्बर माह में प्रथम टेस्ट व तदोपरान्त प्रत्येक माह में मासिक टेस्ट तथा नवम्बर/दिसम्बर माह में मिड टर्म/अर्द्धवार्षिक परीक्षा तथा दिसम्बर/जनवरी में सेमेस्टर परीक्षा आयोजित की जाती है ।
संस्था में सांस्कृतिक कार्यक्रम जैसे वाद-विवाद, क्विज आदि समयानुसार आयोजित किये जाते हैं। रा0से0यो0 तथा एनसीसी द्वारा भी संस्था हित में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं ।
राष्ट्रीय दिवसों पर भी मानक अनुसार कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं । द्वितीय सेमेस्टर के छात्रों को फील्ड एक्सपोजर के लिये विभिन्न संस्थाओं में भेजा जाता है तथा एप्रेन्टिस के लिये अंतिम वर्ष के छात्रों का नामांकन एप्रेन्टिस बोर्ड के लिये किया जाता है ।
संस्था की वार्षिक पत्रिका के लिये छात्रों/अध्यापकों से लेख प्राप्त कर उचित समय पर प्रकाशन किया जाता है । संस्था स्तर खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन करा कर राज्य स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता के लिये छात्रों का चयन किया जाता है ।
अन्त में छात्रों को सैत्रिक अंक प्रदान करते हुये वार्षिक/सेमेस्टर परीक्षा आयोजित की जाती है तथा मई माह में विभिन्न केन्द्रों पर संयुक्त प्रवेश परीक्षा आयोजित करायी जाती है जिसके लिये जनवरी माह में आवेदन पत्र विक्रय किया जाते हैं । ग्रीष्मावकाश के लिये सत्रान्त से पूर्व वार्षिक सत्यापन कराया जाता है ।
मैनुअल क्रम संख्या 15
किसी इलैक्ट्रॉनिक रूप में उपलब्ध सूचना के सम्बनध में ब्यौरे
किसी इलैक्ट्रॉनिक रूप में उपलब्ध सूचना को फैक्स द्वारा संस्था में भेजा जा सकता है । दूरभाष के द्वारा भी सूचना प्राप्त की जा सकती है । संस्था में फैक्स मशीन उपलब्ध है । जिसकी दूरभाष संख्या 05965-234535 है । इस सम्बन्ध में यदि कोई नागरिक इण्टरनेट के माध्यम से सूचना मांगना या भेजना चाहता है तो संस्था के Website:- www.gplohaghat.org.in & E-mail address – gplpoly1975@gmail.com and a gpl_poly1975@yahoo.in पर सम्पर्क कर सकता है । यदि ऐसी कोई सूचना प्राप्त होती है तो उसका अपने स्तर पर निराकरण किया जाता है ।
मैनुअल क्रम संख्या 16
सूचना अभिप्राप्त करने के लिये नागरिकों को उपलब्ध सुविधाओं का विवरणः किसी पुस्तकालय या वाचन कक्ष की यदि लोक उपयोग के लिये व्यवस्था की गयी हो तो उसका विवरण
प्राविधिक शिक्षा के अन्तर्गत, राजकीय पॉलीटेक्निक लोहाघाट की आद्योपान्त सूचना की प्रति संस्था पुस्तकालय में उपलब्ध है । जिसे कोई भी लोक सेवक, जनता का प्रतिनिधि या अन्य नागरिक देख सकता है तथा सुझाव पुस्तिका में अपना अमूल्य सुझाव भी दे सकता है ।